shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥

अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate on the destitute, who normally protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its wonderful lustre, and in whose ears tend to be the pendants from the cobra hood.

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

कपालं त्रिशूलं website कराभ्यां दधानं पदाम्भोजनम्राय कामं ददानम् ।

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